मनोरंजन

पूर्णिका (इश्क-ए-गागर) – श्याम कुंवर भारती

दिल लगाके दिल तोड़ दिया मेरा क्या किया तुमने।

हाथ थाम के साथ छोड़ दिया मेरा क्या किया तुमने।

 

गुमान था मुझे तुमसा हसीन नाजनीन प्यार है मेरा।

यकीन दिला के मुझे मुंह मोड़ लिया क्या किया तुमने।

 

मुझसे ज्यादा और सच्चा प्यार कौन करेगा तुमसे ।

नाजुक दिल को बेदर्दी मरोड़ दिया क्या किया तुमने।

 

जो भी किया सब तुम्हारे लिए किया तुम खुश रहो।

सब कुछ भुला शिकवा करोड़ किया क्या किया तुमने।

 

दिल औ जां तेरा सब कुछ तुझपर कुर्बान किया मैने।

कद्र नहीं भारती इश्क ए गागर फोड़ दिया क्या किया तुमने।

– श्याम कुंवर भारती , बोकारो,झारखंड, मॉब.9955509286

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