मनोरंजन

अकथित जीवन – रश्मि मृदुलिका

मेरी कथा न कहो,

अकथित जीवन में

कहने को क्या रहा,

जीवन समर में खडी़ मैं,

विजयी योद्धा सी मैं,

अब लड़ने को क्या रहा,

प्रतिक्षण, प्रति पल समेटे,

प्रति स्वास जीते हुए,

प्राप्ति हो या न हो,

अब खोने को क्या रहा,

प्रेम के आलिंगन में,

मधुर मधु पीते हुए,

जीवन सम्पूर्ण किए हुए,

अब पाने को क्या रहा,

– रश्मि मृदुलिका, देहरादून

Related posts

10 साल बाद लौट रहा गठबंधन सरकार का दौर – डॉ सत्यवान सौरभ

newsadmin

नायक राजा सिंह, वीर चक्र (मरणोपरान्त) – हरी राम यादव

newsadmin

पढ़ लो क्या कहते नैन – सविता सिंह

newsadmin

Leave a Comment