neerajtimes.com देवबंद – मां श्री त्रिपुर बाला सुंदरी मेला पंडाल में आयोजित अखिल भारतीय कवयित्री कवि सम्मेलन का आयोजन बड़ी धूमधाम से आयोजित किया गया। कार्यक्रम का उद्धघाटन सीए ए पी सिंह ने किया। दीप प्रज्ज्वलित मनोज बंसल एडवोकेट ने ओर सरस्वती माल्या अर्पण भाजपा जिला मंत्री विपिन भारतीय ने किया। अध्यक्षता मानव कल्याण मंच के संस्थापक अरुण कुमार अग्रवाल ने की मुख्य अतिथि विपिन गर्ग अध्यक्ष नगर पालिका परिषद रहे।
अल्का मिश्रा की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया –
कोई नगमा गुनगुनाना अच्छा लगा।
तेरा रूठना और मनाना अच्छा लगा।
हम तो चले आए तेरी मुस्कुराहट पर,
तेरे शहर में आना अच्छा लगा।।
डॉ शुभम त्यागी मेरठ –
आंसू तेरी आँखें धोए तो ये होना क्या होना है,
मन तेरा उम्मीदें खोए तो ये होना क्या होना है,
सुख दुख या हो कोई मौसम अपनी सारी हिस्सेदारी,
सावन इन आँखों में सोये तो ये होना क्या होना है।
आंसू तेरी आँखें धोए तो ये होना क्या होना है
मन तेरा उम्मीदें खोए तो ये होना क्या होना है
सुख दुख या हो कोई मौसम अपनी सारी हिस्सेदारी
सावन इन आँखों में सोये तो ये होना क्या होना है
मीनाक्षी दिनेश कुमार नोएडा –
ना मुहब्बत मिली हमें ना ही करार मिला,
ना चाहत मिली हमें ना ही वस्ल-ए-यार मिला,
पत्थर का खुदा ही बनकर रह गया वह,
किस्मत में बूतपरस्ती का इख्तियार मिला ।
डॉ अंजना कुमार कानपुर –
दीवाना बना कर यूं हमें छोड़ तो ना दोगे
यूं दिल में बसा कर के दिल तोड़ तो ना दोगे,
अब साथ चले हो तो मंजिल तक यूं चलना,
तुम राहों को अपनी कहीं मोड तो ना दोगे।
बबीता अजीत राणा दिल्ली –
हास परिहास रहे कोई न उदास रहे
इसलिए उर उपजायी गई कविता
हुस्न के रिसालों में गई है़ नहलाई और
गजरे के फूलों से सजाई गई कविता
विरह की जिरह सुनी नहीं किसी ने तब
आँसुओं की आग में तपाई गई कविता
जगत की पीर से कबीर हो उठा अधीर
मुक्त कंठ होकर सुनाई गई कविता
सोनल जैन सूरत –
तू जो मिल जाये तो जन्नत की ज़रूरत ही नहीं,
तुझ से प्यारी यहां दूजी कोई सूरत ही नहीं,
तेरे होने से ही होता है मेरा घर रौशन,
तुझसा पावन मेरे जीवन में महूरत ही नहीं।
गार्गी कौशिक गाजियाबाद –
समझ कर सार जीवन का मैं गीता बनके निकलूंगी,
समर्पण कर स्वयं का मैं विनीता बनके निकलूंगी,
मेरी आंखों के दंडकवन में तुम वनवास तो काटो,
मुझे है राम की सौगंध सीता बनके निकलूंगी।
शिखा दीप्ति दीक्षित दिल्ली –
इनके अलावा शोभा त्रिपाठी लखनऊ प्रिया श्रीवास्तव दिव्यम उरई ने काव्य पाठ किया कार्यक्रम में डॉक्टर बीपी सिंह चौधरी ओमपाल सिंह डॉक्टर सुरेंद्र धीमान राजीव गुप्ता अजय गांधी अजय गर्ग अजय जैन कुणाल दीवान श्याम चौहान प्रियांशु चौहान राकेश गांगुली रितेश तुषार विश्वकर्मा विकास चौधरी आदि शामिल रहे। कार्यक्रम संयोजक गौरव विवेक ने सभी का आभार व्यक्त किया