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नौ दुर्गा स्तुति माँ सिद्धिदात्री – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

दानव जब उत्पात मचाते, जल-थल-नभ आतंक फैलाते।

हर युग में तुम फिर-फिर आतीं, सुर-नर-मुनि के कष्ट मिटातीं।

सिद्धिदात्रि तुम मातु भवानी, महिमा जाती नहीं बखानी।

आश्विन-चैत्र माह में आतीं, बार-बार मन भक्ति जगातीं।

हो विभोर नित वंदन करते, माँ का नाम हृदय से भजते।।

 

माता रानी की कृपा, पाएँ बारम्बार।

नवरात्रों के पर्व में, बहे भक्ति रसधार।

बहे भक्ति रसधार, भाव भर सब जन झूमें।

खुशियां मिलें अपार, चरण माता के चूमें।

सबका रखना ध्यान, सदा तुम मातु भवानी।

विनती करते “शान”, अभय दो माता रानी।।

– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा/उन्नाव, नवमी.

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