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नव रात्र – जसवीर सिंह हलधर

चैती  माँ  का  परवाना ले, नवरात्र हमारे आए हैं ।

मौसम का रूप सुहाना ले ,नवरात्र हमारे आए हैं  ।।

 

कोयल  का गान पुराना ले ,नव रात्र हमारे आए हैं ।

फसलों में अन्न खजाना ले ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।

 

मानस पशु पक्षी खाना ले , नव रात्र हमारे आए हैं ।

बाली  में  गेहूँ   दाना   ले  , नवरात्र हमारे आए हैं ।।

 

देखो पतझड़ अगुवाई में ,नव रात्र हमारे आए हैं ।

देखो पावन पुरवाई में ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।

 

देखो चंदा परछाई में ,नव रात्र हमारे आए हैं ।

देखो सूरज तरुणाई में ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।

 

जनगणमन की अरुणाई में , नवरात्र हमारे आए हैं ।

उपवन महकी अमराई में  ,   नवरात्र हमारे आए हैं ।।

 

श्री राम नाम चौपाई में, नवरात्र हमारे आए हैं ।

हलधर के गीत रूबाई में , नवरात्र हमारे आए हैं ।।

– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून

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