चैती माँ का परवाना ले, नवरात्र हमारे आए हैं ।
मौसम का रूप सुहाना ले ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।
कोयल का गान पुराना ले ,नव रात्र हमारे आए हैं ।
फसलों में अन्न खजाना ले ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।
मानस पशु पक्षी खाना ले , नव रात्र हमारे आए हैं ।
बाली में गेहूँ दाना ले , नवरात्र हमारे आए हैं ।।
देखो पतझड़ अगुवाई में ,नव रात्र हमारे आए हैं ।
देखो पावन पुरवाई में ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।
देखो चंदा परछाई में ,नव रात्र हमारे आए हैं ।
देखो सूरज तरुणाई में ,नवरात्र हमारे आए हैं ।।
जनगणमन की अरुणाई में , नवरात्र हमारे आए हैं ।
उपवन महकी अमराई में , नवरात्र हमारे आए हैं ।।
श्री राम नाम चौपाई में, नवरात्र हमारे आए हैं ।
हलधर के गीत रूबाई में , नवरात्र हमारे आए हैं ।।
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून