जय श्रीराम
बसते आत्माराम….,
है श्यामाङ्ग !!1!!
जय श्रीराम
हैं सर्वयज्ञाधिप….,
सर्वतीर्थमय !!2!!
जय श्रीराम
भजें सुबह-शाम…,
पूर्ण हों काम !!3!!
जय श्रीराम
जैत्र कोदंडपाणि….,
वैकुण्ठपति !!4!!
जय श्रीराम
बसे रमें हृदय….,
हैं न्याय प्रिय !!5!!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान