मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

प्यार  का  तेरे  आज  चर्चा है,

पास मे दिल के तू ही रहता है।

 

इश्क तेरा हमे रूलाता है,

अपना वादा नही निभाता है।

 

सिलसिला इश्क का चला बैठे,

जिन्दगी का कोई भरोसा है।

 

प्यार की बात तू न समझेगा,

हर कदम  रंग ये बदलता है।

 

आके तुम अब इसी में रहने लगो

ख्वाब  में  मैने  घर  बनाया  है।

 

खिल गये अब गुलाब बागो मे,

अंजुमन फिर से आज महका है।

 

हो नही जब उसूल बंदे के,

कौडिय़ों के वो भाव बिकता है।

 

कद्र करना सदा मुहब्बत की,

हो जुदाई तो दर्द होता है।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

‘राष्ट्रीय कवि संगम’ के तत्वावधान में ‘राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान’ राजपुर रोड देहरादून में भव्य कवि सम्मेलन आयोजित हुआ

newsadmin

ऐसे हँसते रहो (बाल दिवस पर) – गुरुदीन वर्मा

newsadmin

तुलसी — मधु शुक्ला

newsadmin

Leave a Comment