मनोरंजन

बनें मंच चुनाव में केवल एक – हरी राम यादव

हर भ्रष्टाचार के मूल में,

यारों रचा बसा चुनाव ।

भ्रष्टाचारों से भरी पड़ी है,

देश में चुनाव की नाव।

 

बेहिसाब का खर्च करें,

लेकर लोगों से सहयोग।

आखिर कोई देगा क्यों,

बिना आश और उपयोग।

 

बिन हित चिंता के कोई न,

करे जगत में अर्थ का दान।

बदलें में तो कुछ चाहिए,

अर्थ या अर्थ सा सम्मान।

 

बनें मंच चुनाव में केवल एक,

सब आकर कहें अपनी बात।

कह – कह कर अपना पैसा,

हो रहा जनता से विश्वासघात।

 

करते अपने दल का प्रचार,

सत्ता में बैठ सयाने लोग ।

गाड़ी,गारद औ उड़नखटोला,

करते सब सरकारी उपयोग ।

 

संवैधानिक पद पर बैठ बैठ,

करें न सब जन की बात।

रेवड़ी बांटे दोनों हाथों से,

चाहे कर्ज से लाल हों गात ।

– हरी राम यादव , अयोध्या, उत्तर प्रदेश

Related posts

हिंदी ग़ज़ल – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

अयोध्या 22 जनवरी (पुस्तक चर्चा) – प्रवीण दुबे

newsadmin

पावस गीत – पुष्प प्रियदर्शनी

newsadmin

Leave a Comment