भटक गये राह मोड़ देंगे,
सजा हमेशा कठोर देंगे।
हमें किसी की नहीं जरूरत,
गरूर सब आज तोड़ देंगे
यही गुजारिश सुनों हमारा,
दिशा हवा का मरोड़ देंगे।
अदा अदावत नहीं चलेगी,
करो मुहब्बत जरूर देंगे।
नहीं सुनेंगे गिला शिकायत
सुधर खुशी हम अगोर देंगे
इधरउधरसे हुआ बता क्या
कमा यहाँ पर करोड़ देंगें
दुआ करे’अनि’ मिले किनारा,
रहम खुदा का बटोर देंगे।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह
धनबाद, झारखंड