मनोरंजन

मैं – जितेंद्र कुमार

जब तुम मेरी बाइक पर बैठकर,

अपना हाथ मेरे कंधे पर रख देती हो ,

तो दुनिया का सबसे अमीर व्यक्ति,  बन जाता हूँ मैं l

 

जब तुम अपनी खूबसूरत मुस्कान से,

मुझे बड़ी चाव से देखती हो,

तो दुनिया का सबसे खुशनसीब व्यक्ति, बन जाता हूँ मैं l

 

जब तुम खिलखिला कर हँसती हुई,

मुझे बड़े प्यार से रिझाती हो,

तो दुनिया का सबसे खूबसूरत फूल, बन जाता हूँ मैं l

 

जब तुम अपने पायल की छम-छम से,

हर रोज सुबह जगाती हो,

तो दुनिया का सबसे मीठा गीत, बन जाता हूँ मैं l

 

जब तुम अपनी कंगन को खनकाकर,

हर रोज मुझे बुलाती हो,

तो दुनिया का सबसे बड़ा सौदागर, बन जाता हूँ मैं l

 

जब तुम अपनी भीगी अलकों की बूंद से,

हर रोज मुझे भिगोती हो,

तो सूखे पौधों सा, हरा-भरा हो जाता हूँ मैं l

 

जब कभी पल भर के लिए,

मुझसे रूठ जाती हो,

तो होठों पर ख़ामोशी, और आँखों में पानी भर लेता हूँ मैं l

– जितेंद्र कुमार सिंह, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश

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