मनोरंजन

गीत – मधु शुक्ला

बात कमी की सब करते हैं, नहीं ढूढते खूबिया ।

क्षमताओं पर ध्यान न देते , व्यक्त करें मजबूरिया।

 

ईश्वर ने जो हमें दिया है, सदुपयोग उसका करें।

आलस अरि का दमन करें हम ,मात्र लक्ष्य को हृद धरें।

दूर नहीं तब मंजिल होगी , पथ देंगीं कठिनाइयॉ॑ ……..।

 

अगर लालसा भौतिक सुख की , बनी रहेगी पास में।

चंचल मन विश्वास रखेगा‌ , केवल भोग विलास में।

सुयश मार्ग अवरुद्ध करें , प्रायः भोगी इन्द्रिया …….. ।

 

भेजा क्यों ईश्वर ने हमको, चिंतन होना चाहिए।

काया की सार्थकता को ही,अपना लक्ष्य बनाइए।

याद रहे निज धर्म हमें तो , हरि से हों नजदीकिया …….. ।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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