neerajtimes.com – शतरंज आज एक लोकप्रिय खेल के रूप में प्रतिष्ठित हो चुका है और खिलाड़ियों में भी लगातार इजाफा होता जा रहा है। शतरंज खेलने के कई फायदे हैं, जिससे मानसिक एवं बौद्धिक विकास तो होता ही है साथ ही जीवन कौशल निर्माण में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
शारीरिक क्षमता का उपयोग कम होने के कारण इसमें जोखिम की कोई संभावना नहीं है बल्कि कई मनोवैज्ञानिक फायदों की पुष्टि हुई है। जिसका विवरण निम्नानुसार है –
अल्जाइमर रोग के उपचार में सहायक –
अल्जाइमर एक भयावह बीमारी है जिसमें याददाश्त कमजोर हो जाती है और दिमाग के भी काम करने की क्षमता नष्ट हो जाती हैं। एक शोध के अनुसार शतरंज खेलने से याददाश्त मजबूत होती है तथा मानसिक कोशिकाएं भी मजबूत होती है। यही कारण है कि इस बीमारी से ग्रसित मरीज को डॉक्टरों द्वारा शतरंज खेलने की सलाह दी जाती है।
बच्चों का आईक्यू लेवल बढ़ता है –
शतरंज खेलने से बच्चों का मानसिक विकास होता है एवं इस खेल पर ध्यान केंद्रित होने के कारण बुद्धिमता भी तेज होती है। शतरंज खेलने वाले बच्चों का आईक्यू लेवल बढ़ता है। इसी कारण से विद्यालयों में शतरंज खेल को बढ़ावा दिया जाने लगा है। कई राज्यों में चेस इन स्कूल्स के तहत शतरंज को विद्यालयों में डिप्लोमा कोर्स के रूप में शामिल किया गया है।
समस्या का समाधान –
शतरंज खेलने से आदमी तनाव मुक्त होता है और दैनिक जीवन में उत्पन्न होने वाली समस्याओं का वह आसानी से समाधान कर सकता है। शतरंज खेलने वाला व्यक्ति कभी निराश नहीं होता और वह साहस के साथ चुनौतियों का सामना करने के लिए सदैव तत्पर रहता है।
रचनात्मक कार्य कौशल में वृद्धि –
शतरंज खेलने से मानसिक ताजगी मिलती है फलस्वरूप मन एकाग्रता के साथ एक लक्ष्य की ओर बढ़ता जाता है। शतरंज रचनात्मक कार्य करने हेतु प्रेरित करता है।
दिमागी क्षमता को बढ़ाता है –
शतरंज एक मानसिक खेल के बतौर खेला जाता है जिसमे दिमागी शक्ति का उपयोग होता है। शतरंज खेलने से खिलाड़ियों की दिमागी क्षमता विकसित होती है और दिमाग के दोनों हिस्से सक्रिय रूप से कार्य करने लगते हैं। शतरंज खेलने से एकाग्रता एवं स्मरण शक्ति भी बढ़ती है।
त्वरित निर्णय लेने की क्षमता –
शतरंज खेल में प्रतिद्वंद्वी एक दूसरे के सामने होते हैं और जरा सी भी चूक नुकसानदायक हो सकती है इसलिए खिलाड़ी चौकन्ना होकर खेलता है। जिस कारण विपरीत परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता उसके अंदर समाहित होती है। इसके अलावा दूरदृष्टि एवं कल्पनाशीलता का भी इसमे समावेश होता है।
शतरंज एक कॅरियर के रूप में –
संपूर्ण विश्व स्तर पर शतरंज की लोकप्रियता सर्वाधिक है और अनेक देशों में लगातार टूर्नामेंट के होने से आर्थिक दृष्टिकोण से लोग खिलाड़ी भी सक्षम बन रहे हैं। शतरंज खेल को इतना अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है कि अब यह खिलाड़ियों की आजीविका का एक प्रमुख जरिया भी बन गया है।
गणित एवं विज्ञान विषय में दक्षता –
शतरंज खेलने से गणित एवं विज्ञान जैसे विषयों में पकड़ मजबूत बनती है। तार्किक क्षमता बढ़ती है। नई सोच का विकास होता है। विषय वस्तु को समझने में सहायता मिलती है।
कोई शारीरिक थकान नहीं –
अन्य खेलों की तुलना में इसमें कोई शारीरिक श्रम नही है। अतः शतरंज खेल खेलने से कोई शारीरिक थकान महसूस नहीं होती है।
शतरंज एक आरामदायक एवं मनोरंजक खेल है जिसे धैर्य के साथ खेला जाता है। अनुशासन की सीख मिलती है,शतरंज खेलने से जीवन अनुशासनबद्ध होता है। संयम, धैर्य और लगन के द्वारा आंतरिक गुणों का विकास होने के कारण व्यक्तित्व में निखार आता है।(विभूति फीचर्स)