प्रथम करे न वार , दूजे सहे न प्रहार ,
विश्व जनता है ये बयान मेरे हिंद का ।
सांस्कृतिक द्वार रहा,सभ्यता का सार रहा ,
विश्व गुरु रूप में बखान मेरे हिंद का ।।
गीता या कुरान से भी, व्यापक है संविधान ,
सर्व धर्म ग्राही है विधान मेरे हिंद का ।
बलिदानियों ने जिसे ,जी भर पिलाया रक्त ,
तीन रंग वाला है निशान मेरे हिंद का ।।
– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून