neerajtimes.com – आभासी दुनिया के हिंदी काव्य प्रेमियों के बहुचर्चित समूह कलम के जादूगर ने गाज़ियाबाद शहर की सांस्कृतिक धरोहर में उत्साह और उमंग का नया रंग भरते हुए आयोजन किया ‘हुंकार’ अपने चतुर्थ वार्षिक उत्सव एवं कवि सम्मेलन का किया आयोजन ।
30 नवंबर, शनिवार को अनंत होटल में आयोजित यह कार्यक्रम जाने माने कवि, गीतकार और कलम के जादूगर के संस्थापक श्री श्रेय तिवारी की अध्यक्षता में सफलता पूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे डॉ जीतेंद्र कुमार गुप्ता और जगन्नाथ राय। ‘हुंकार’ चतुर्थ वार्षिकोत्सव समारोह का उत्कृष्ट संचालन किया गया कवयित्री पूजा श्रीवास्तव, कवयित्री अलका बलूनी पंत, कवयित्री भावना जैन, एवं कवयित्री अर्चना झा द्वारा।
इस भव्य काव्य सम्मेलन में भाग लेने हेतु देश भर से, पटल से जुड़े कई वरिष्ठ एवं युवा रचनाकारों को आमंत्रित किया गया जिन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक जैसे विभिन्न विषयों पर अपने विचारों का प्रस्तुतीकरण किया। गजलों, गीतों और छंदों की रिमझिम फुहारों ने समा मनमोहक कर दिया। दर्शकों का मन कभी प्रेम रस से प्रफ्फुलित हुआ तो कभी हास्य व्यंग्य में सराबोर हुआ। कभी भावुक हुए श्रोतागण तो कभी हृदय में ऊर्जा का संचार हुआ।
इस शानदार समारोह में सम्मिलित होने वाले रचनाकार हैं कुलदीप शुक्ला, दीपांशी शुक्ला, रिज़वान फरीदी, डॉ बृजभूषण, विक्रम सिंह यादव बरनी, पद्मनाभ त्रिपाठी, निर्देश कुमार विन, तरुण जैन, विनय कुमार साहू निश्छल, पूनम नैन मलिक, पारुल चौधरी, बीरेंद्र गौतम, श्राबोनी गांगुली, अंजू चौधरी, शशांक मणि यादव, भूपेंद्र राघव, निशा सक्सेना, विजय पुरोहित, प्रवीण मुतरेजा, नवीन जोशी नवल, मीरा सजवान,रजनी जैन उन्नत, दीप्ति मिश्रा, स्मिता सिंह चौहान, मंजू कुशवाहा, वेद भारती, सुकृति श्रीवास्तव, डॉ वंदना श्रीवास्तव, संगीता वर्मा, अरुण कुमार श्रीवास्तव, ईशा भारद्वाज, शशि किरण श्रीवास्तव, डॉ सरिता गर्ग सरी, दीपिका वालदिया, अंजना जैन और नीलम यादव।
इन सभी रचनाकारों को हिंदी काव्य साहित्य के उत्थान में कार्यरत होने हेतु कलम के जादूगर समूह द्वारा ‘केकेजे हुंकार सम्मान’ से भी नवाज़ा गया।
इस ‘हुंकार’ चतुर्थ वार्षिकोत्सव समारोह के आयोजक श्रेय तिवारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य हिंदी काव्य साहित्य की अभिवृद्धि और नवीन रचनाकारों को मंच प्रदान करना है। कलम के जादूगर नियमित रूप से ऐसे सम्मेलनों का आयोजन विभिन्न शहरों में करते रहते हैं।