मनोरंजन

ग़ज़ल – रीता गुलाटी

प्यार भरी है माँ की बातें।

सुन लेती माँ सबकी बातें।। मतला

 

करते है नासमझी बातें

बोलें है क्यों खारी बातें।

 

यार जमाना कैसा आया,

लोग करे जहरीली बातें।

 

कोन सुनेगा दर्द हमारा,

जग की होती कड़वी बातें।

 

हर घर मे होती अब रहती,

कुछ सुलझी कुछ उलझी बातें।

 

उड गये छोड परिन्दे हमको,

याद दिलाते भूली बातें।

 

साथ लगे अब सपनो जैसा,

करता वो सपनीली बातें।

– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़

Related posts

गीत – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

प्यार को प्यार ही रहने दो – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

जीवन को सुखी बनाने की सहज विधि – मुकेश कुमार

newsadmin

Leave a Comment