ज्ञान की गंगा से सींचा जिन्होंने साहित्य का द्वार,
ऐसे महापुरुषों को मिले सम्मान का उपहार।
शिवेश्वर दत्त पाण्डेय का संपादन है अनुपम काव्य,
दी ग्राम टुडे में जगाए जो नई भावनाओं का व्याकरण-भाव्य।
संगीत सम्राट पद्मधर झा शर्मा का अद्भुत कमाल,
स्वरों की दुनिया में उनका नाम है बेमिसाल।
सुधीर श्रीवास्तव की कलम की गूंज से विश्व हुआ रोशन,
उनके हर शब्द में बसता है प्रेम और संवेदन।
विजय प्रताप शाही का भी है साहित्य में विशेष योगदान,
कला के माध्यम से बढ़ाया उन्होंने सृजन का मान।
प्रेमलता रसबिन्दु के काव्य का मीठा सा रस,
जिसमें हर पाठक को मिलती है नई उमंग और कसक।
डॉ. वाई. एस. पाण्डेय ‘प्रकाश’ ने जो सम्मान दिया है प्रदान,
उनकी दूरदर्शिता और सत्कार का मान सबको महान।
अग्रिम बधाइयां इन विद्वानों को मेरी ओर से,
डॉ. बी.एल. सैनी का अभिवादन है इनके नमन में।
– डा. बी. एल. सैनी, सीकर, राजस्थान