मनोरंजन

जगदीश – सुनील गुप्ता

( 1 )” ज “, जय-जय

जय, जगत पिता जगदीश,

सदैव बनाए चलें, अपनी कृपाएं  !

और नित्य करते, आपकी प्रार्थना स्तुति…,

वरदहस्त रखते, चलना बरसाए दुआएं !!

( 2 )” ग “, गज-ग्राह

से बचाए चलें श्रीहरि ,

और करें जय-विजय, भक्तों का उद्धार !

चलें देते, सदैव अपनी आशीष दुआएं…,

हम भक्तों पे, बनाए रखें कृपाएं अपार !!

( 3 )” दी “, दीन- बंधु

कृपा सागर हे जगदीश,

विद्या बुद्धि, बनाए रखना सदविवेक  !

और आप ही हो, सकल जगत के तारणहार,

आप की दुआओं से, होते चलें काम नेक !

( 4 )” श “, शक्ति-भक्ति

प्रेम आनंद भरते चलें,

करें नित आरती, श्रीजगदीश की और संकीर्तन !

हो आप ही प्रभु, हमारे एकमात्र दातार.,

चलें करते आपको, नित प्रणाम वंदन नमन  !!

– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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