मनोरंजन

दीप जलाओ मानवता का – हरी राम यादव

दीप जलाओ मानवता का,

फैले समरसता दिग दिगंत ।

ऊंच नीच का मतभेद मिटे,

आये सबके जीवन में बसंत ।

 

कोई शोषित पीड़ित न हो,

सबके मन हों खिले खिले।

दीप जलाओ मित्रों ऐसा ,

भुला गिले सब गले मिलें ।

 

अपने समाज की संरचना को,

मेल के तेल से करें प्रकाशित।

हर हाल सभी खुशहाल बनें,

गांव गली हो प्रेम सुवासित।

 

सबके मन मयूर सी खुशियां,

सबके चेहरे पर झलके नूर।

दीप जलाने से तभी “हरी”,

तमस धरा से हो सकता दूर ।

– हरी राम यादव, अयोध्या, उत्तर प्रदेश

Related posts

रानी दुर्गावती-जनकल्याण और शौर्य का शिखर – डॉ. मोहन यादव

newsadmin

मेरी कलम से – ज्योति श्रीवास्तव

newsadmin

माता पिता और गुरु – कालिका प्रसाद

newsadmin

Leave a Comment