( 1 ) हमारे
प्रेरक रहे
बापू और शास्त्रीजी ,
जनप्रिय नेता थे ये दोनों ही !
सादगी के पर्याय और सरल विरल ..,
बनें ये सत्य अहिंसा के सदैव अनुगामी !!
( 2 ) जन्में
दोनों ही
अक्टूबर दो को ,
है शुभ दिवस बड़ा ही पावस ये !
सदैव चलें इनके बतलाए पथ पर …..,
बसते हैं दोनों ही भारत के जनमानस में !!
( 3 ) प्रणाम
वंदन नमन
इनका हम करते ,
चलें पूजते अहिंसा के प्रणेताओं को !
सहजते चलें दोनों की स्मृतियाँ दिल में ..,
और मनाएं सहर्ष दो अक्टूबर के दिवस को !!
( 4 ) बापू
शास्त्रीजी का
धैर्य संतोष अटल ,
और चारित्रय शक्ति थी इनकी अति प्रबल !
भरी हुई थी देश प्रेम निष्ठा कूट-कूट कर …,
और थे दोनों ही माँ भारती के लाल सबल !!
– सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान