मिले नसीब से तुम, दिल खिला खिला होगा.
मेरे सनम तुम्हे पाकर, ये हमनवा होगा।
खुदा की ये है दुआ प्यार तेरा पाया भी,
तुम्हारा प्यार ही मेरे जीने का आसरा होगा।
नजर चुरा रहे हो यार आज क्यो मुझसे.
कभी किया था जो तूने वो बस दगा होगा।
किया है प्यार भी तुमसे जता नही पाते,.
तुम्हें बनाएंगे अपना तो आगे क्या होगा।
झलक दिखी जो हमे, दे गयी खुशी भी ऋतु,.
तुम्हारे प्यार मे दिल मुस्कुरा रहा होगा।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़