मनोरंजन

वाराणसी – सुनील गुप्ता

( 1 )” वा “, वाग्देवी

की कृपा निराली ,

कि, आ पहुँचे ‘वाराणसी’,  हम !

बाबा विश्वनाथ का आया बुलावा ….,

और काशी नगरी देख हुए अति प्रसन्न हम !!

( 2 )” रा “, राममय

है सारा वातावरण ,

हरेक मुखारविंद से निकले बाबा की जय  !

चले आए छोटी काशी जयपुर से यहाँ पे…,

और तन-मन आनंद, चले झूमें है हृदय  !!

( 3 )” ण “, णमो-नमो

वंदन अभिनंदन करते ,

हर्षाते गाते आए भोले बाबा के द्वारे  !

धन्य हुआ जीवन यहाँ पे आकर हमारा ..,

और श्रीदर्शन पाकर, दूर हुए विषाद सारे !!

( 4 )” सी “, सीरत

भोली मूरत प्यारी ,

है अद्धभुत अप्रतिम छटा यहाँ की न्यारी  !

आकर हुए धन्य हम मोक्ष नगरी में …..,

और चहुँओर से लगी बरसने देव प्रभु कृपाएं सारी !!

 

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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