मनोरंजन

मौन शहादत – ज्योत्सना जोशी

वो बोलते नहीं हैं कभी किसी मुद्दे पर,

बोलते नहीं हैं तो लाजिमी है सोचते भी नहीं होंगे,

सोचते नहीं हैं तो ज़ाहिर है संवेदनशील भी नहीं होंगे।

संवेदनशील नहीं हैं तो निःसंदेह

उनको किसी सरोकार से कोई मतलब नहीं,

और किसी सरोकार से कोई मतलब

नहीं  हैं तो सेवा फिर समाज की कैसी?

वो कोई जोखिम नहीं लेना चाहते

और इस ” मौन शहादत” के लिए

वो पुरस्कृत होते रहते हैं।

– ज्योत्स्ना जोशी  #ज्योत, प्रेमनगर, देहरादून

Related posts

जने नहीं क्यों बोस – प्रियंका सौरभ

newsadmin

श्री राम अवतरण – कर्नल प्रवीण त्रिपाठी

newsadmin

समता का अधिकार – मधु शुक्ला

newsadmin

Leave a Comment