बड़ा सभी से सवाल होगा.
खुदा की रहमत निहाल होगा।
हजार बाते तू कह रिझाता.
लगी हमे बा कमाल होगा।
बहुत मिलेगे सफर मे ऐसे,
तो दिल हमारा हलाल होगा।
सहे सितम क्यो पिया तुम्हारा.
कही तो दिल मे सवाल होगा।
रूला रहे हैं ख्याल तेरे,
तेरे दिल मे मलाल होगा।
करे शिकायत भी आज किससे?
ये इश्क मेरा बेहाल होगा।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा चंडीगढ़