मनोरंजन

निगाहों में बात होगी – ज्योत्स्ना जोशी

पलकों में इंतजार रखा रहेगा,

जब फासलों की बात चांद से होगी।

 

कुछ ख्वाब जी लिए कुछ मुख़्तसर हैं,

अधूरी चाहतों की भी कोई शाद होगी।

 

वो अपनी जुबां में शामिल नहीं करता,

लहजे की बेकरारी में मेरी आब होगी।

 

शीशा टूटा है मगर एहतियात से,

इस टूटन की आवाज ख़ास होगी।

 

दरख़्त सूखा हुआ है खिजां के पहलू में

यकीं कदमों पर रख कभी छांव होगी।

 

तुम ने कुछ कहा मैंने कुछ और सुना

निगाहों में महज़ मतलब की बात होगी।

– ज्योत्स्ना जोशी, उत्तरकाशी, उत्तराखंड

Related posts

आजा तेरी हर चितवन पर फिर से कच्ची धूप मलूँ मैं – अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

अनन्या फाउंडेशन का कार्यक्रम हिन्दी भवन सम्पन्न

newsadmin

पिया से मिलकर आए नैन- अनुराधा पाण्डेय

newsadmin

Leave a Comment