वो कौन थी जो मुस्कुरा के चली गई।
उसकी याद की परछाई आंखो में बस गई ।।
फिर समुंदर में लहरें उठी।
और हलचल मच गई ।।
वो मस्ती भरी आंखे वो अदा वो हया।
हो गए जाने हम कैसे उस पर फिदा।।
न जाने वो क्या दिल की हालत कर गई ।
*वो कौन थी जो मुस्कुरा के चली गई *
वो उसकी नजरों से मेरी नजरो का मिलना
फिर दिल में उसकी चाहत की तमन्ना।।
वो इठलाई वो शरमाई फिर थोड़ी वो घबराई।
अपनी कातिल अदाओं से मेरे दिल के।।
टुकड़े टुकड़े करके चली गई।
फिर सवेरा हुआ और मेरी आंख
फिर खुल गई।।
*वो कौन थी जो मुस्कुरा के चली गई *
– राजेश कुमार झा, बीना, मध्य प्रदेश