ये डस लेंगे नवल तुमको ही दिन।
जो तुमने आस्तीं में नाग पाले।।
तुम्हारे भले के लिए बोलते हैं।
बुज़ुर्गो को आंखें कभी मत दिखाना ।।
नफ़रतों से न हासिल हुआ कुछ यहाँ ।
जीत लो प्यार से सारे संसार को।।
छोटी छोटी ग़लतियों को याद मत करना कभी ।
वक़्त है ये क़ीमती बर्बाद मत करना कभी ।।
उम्र लम्बी चाहते हो आप रिश्तों की अगर।
क्रोध के आवेश में संवाद मत करना कभी।।
डॉ. निशा सिंह ‘नवल’ (लखनऊ)