तीन रंग की राखी लेकर ,बहन आज घर आई है ।
उसके प्रेम पगे धागों से, शोभित आज कलाई है ।।
महक रहा है मौसम घर का ,चहक रहा कोना कोना ।
उसको चाह सुरक्षा की है चाह नहीं चांदी सोना ।
बहुत दिनों के बाद नीड़ पर ,चिड़िया दी दिखलाई है । ।
तीन रंग की राखी लेकर बहन आज घर आई है ।।1
निर्भया और मोमिता की मौतों से दिल घबराया है ।
ख़ुद की रक्षा करने का , उसने संकल्प सुनाया है ।
मुझको देश धर्म की रक्षा , की सौगंध खिलाई है ।।
तीन रंग की राखी लेकर बहन आज घर आई है ।।2
खोए खोए बैठे हम दोनों बचपन की यादों में ।
पहले जैसा प्यार नहीं है नवयुग की औलादों में ।
बात बात पर कहती है वो, शायर मेरा भाई है ।।
तीन रंग की राखी लेकर बहन आज घर आई है ।।3
देश हमारा करे तरक्की विश्व गुरु बनकर छाए ।
केतु तिरंगा सजे दिलों में ,हर घर पर ये लहराए ।
रक्षा बंधन पर “हलधर” भी देता आज बधाई है ।।
तीन रंग की राखी लेकर बहन आज घर आई है ।।4
– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून