मुहिम स्वच्छता की चलाई गई है,
अहमियत विटप की बताई गई है।
मिटें रोग भू से बनें सब निरोगी,
यही सोच साथी बनाई गई है।
रहे घर व्यवस्थित जले ज्ञान दीपक,
इसी हेतु बेटी पढ़ाई गई है।
बहे ज्ञान गंगा मिटे द्वेष का तम,
हमें वंदना गुरु सिखाई गई है।
प्रथम लक्ष्य अपना वतन की सुरक्षा,
सदा चेतना यह जगाई गई है।
जहाँ प्रेम विश्वास उन्नति वहीं पर,
सतत सीख जन मन बिठाई गई यही है।
करे कामना शुचि हृदय की मनुजता,
सुरभि प्रेम तब ही उड़ाई गई है।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश