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बारिश आ गई – प्रतिभा जैन

संग तेरे पहली बारिश आ गई,

जिस पल के सुने थे किस्से,

अब रु बा रु मुलाकात आ गई।

बारिश की थी प्यास

सावन की फुहार आ गई।

झुकी नज़रे,

आसमान से गिरता पानी

हाथों में ले कर हाथ

अब बीच सड़क पर भीगने के दिन आ गई।

– प्रतिभा जैन,  उज्जैन, मध्य प्रदेश

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