मुहब्बत के नगमे तो गाते रहेगे,
तेरे प्यार मे मुस्कुराते रहेंगे ।
करूं अब दुआ मैं खुदा से सुनो तुम,
तुम्हारे कदम मे ही बिछते रहेगे।
सिखोगे गजल शायरा तुम बनोगे,
नही जिंदगी मे फिर अन्धेरे रहेगे ।
लगा और ऊंची उड़ां बादलो से,
सदा आसमां को जी छूते रहेंगे।
खता को भुला दो,करो प्यार मुझसे,
तुम्हें प्यार करते हैं करते रहेंगे ।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चंडीगढ़