neerajtimes.com – अपार सौंदर्य का अनुभव कराती ,बहुत ही सुंदर उपमानों से सुसज्जित रचना । पावस के बहते जल में प्रदीप्त दीप, धैर्यवान धरती और उस पर उच्छृंखल नदियां ,सूर्य की किरणों का जल में झिलमिला कर प्रकाशित करना , गंगा में देव दिवाली अर्ताथ घनिष्ठ संबंध तुम्हारा मेरा । बहुत ही सुंदर रचना और उत्कृष्ट भाव।
तेरा , मेरा रिश्ता – तेरा प्रेम ज्यो महीन सी दरार से जल अंतस मे गहरे प्रवेश कर गया हो , ज्यों प्रकाश पानी में घुल कर जल् को प्रकाशित कर गया हो । तू, मैं से हम हुए इस प्रेम भरे रिश्ते से कितने ही रिश्तों को प्रेम मिला । बहुत ही गूढ़ अर्थ आपकी रचना के । बहुत सुंदर।
विषय – शब्द आधारित काव्य शब्द – तेरा मेरा समीक्षिका – भावना भारद्वाज