” रा “, राजपूताना घणा ही चोखो,
एक बार अवश्य यहाँ पधारो जी !
अठै आकर देखो म्हारो किलो…..,
गढ़ नगरी मंदिर चौबारा हवेली जी !!
और खावो उड़ावो मौज मस्ती करता.,
राबड़ी मालपुआ बूँदी का लाड्डूजी !! 1 !!
” ज “, जयपुर है राजधानी राजस्थान री,
कहलावे गुलाबी नगरी ये जगत प्रसिद्ध जी !
अठै गढ़गणेश आमेर जयगढ़ देखो…,
और करो ख़ूब सैर-सपाटा हवामहल की जी!!
साथ ले चालो घरां वास्ते कुछेक पकवान..,
घेवर फीणी और शंकररी नमकीन जी !! 2!!
” स् “,स्वर्ग सी सुंदर है चौखी म्हारी धरां,
है ये धरां मरुधरा वीरांगना री धरती !
अठै आकर थै पाओगे घणा सुख चैन…,
और लेना विश्राम देखते जंगल सफारी जी !!
साथ ले जाना बींदणी ख़ातिर एक चुणरी…,
और शान री प्रतीक पगड़ी चौखी सी !! 3 !!
” था “,थाको इक बात बताणा चाहूँगा जी,
कि, म्हारो राजस्थान री छटा है अलबेली जी !
अठै घणा ही पर्व उत्सव जाएं मनाएं हरेक बरस
और पुष्कर के मेला री है अनोखी छटा जी!! 4!!
” न”,नमस्ते खम्मा घणी,सभी को राम-राम जी,
आवो एक बार जी पावणो पधारो म्हारे देश जी !
म्हारा प्रदेश है घणो सुंदर,देखो अठै आकर…,
और ले जावो सगळा मीठी यादें साथ जी!! 5!!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान