माँ सिद्धिदात्री सर्वसिद्धि प्रदान करें
सिद्धिदात्रि माता सदा, रखतीं सबका ध्यान।
आराधन जो भी करे, बढ़ता उसका ज्ञान।
भरवातीं सुचिता हृदय, देकर निर्मल ज्ञान।
सिखलातीं निज धर्म को, दिलवातीं सम्मान।।
राम बड़े जननायक हैं महिमा उनकी जग में अति भारी।
आकुल हैं सब दर्शन को बसती मन में छवि शांत सुखारी
मंदिर भव्य अनूप बने परिपूरित हो यह आस हमारी।।
राम सिया जब गेह बसें तब हर्षित हों जग के नरनारी।1
जन्म लिया नवमी तिथि को अति पुण्य घड़ी शुभ चैत्र महीना।
कौशल राय जगे बड़ भाग मिला हवि से जब राम नगीना।
मातु बनी धनवान बड़ी सुत राम लला सम और कहीं ना।
भाग्य जगे जन मानस के अवतार लिया बन राम प्रवीना।2
– कर्नल प्रवीण त्रिपाठी, नोएडा, उत्तर प्रदेश