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गीत – (हिन्दू नव वर्ष) – जसवीर सिंह हलधर

वर्ष नूतन आ गया लो प्यार के दीपक जलायें ।

घिर रहा जो हर दिशा में उस अँधेरे को भगायें ।।

 

बादलों में रवि छुपा है साँझ होने से भी पहले ।

युद्ध के बारूद से यूरोप के सब देश दहले ।

दीप संयम के जलाकर बांध दें तम की बलायें ।।

 

गरल भरती दृष्टियों का तोड़ दें झूठे दिलाशे ।

विश्व को सदभाव के वितरित करें मीठे बतासे ।

वेद मंत्रों के सहारे द्वन्द्व को जड़ से मिटायें ।।

 

तोड़ दें हम धुंध कुहरे से बनी दीवार सारी ।

विश्व भर में  शांति हो बस ये रहे कोशिश हमारी ।

सींच दीपों के उजाले जोड़ देवें श्रंखलायें ।।

 

युद्ध का पैगाम है या ये नए युग का सगुन है ।

भारती के भाल पर तो विश्व गुरु बनने की धुन है ।

हिन्द “हलधर” का करेगा तय सभी दुर्गम दिशायें ।।

– जसवीर सिंह हलधर, देहरादून

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