शारदे मां तुझे है नमन,
दे जगह मां मुझे निज चरण।
प्रेम की धार मन में बहा ,
द्वेष की भावना दे मिटा ।
ज्ञान की मन लिए शुचि लगन,
आ गई शारदे मां शरण।
शारदे मां तुझे है नमन,
दे जगह मां मुझे निज चरण।।
हर हृदय में जगे प्रीत मां,
प्रेम के मैं लिखूं गीत मां ।
मात ! आशीष दे तू मुझे,
ध्यान में मैं रहूं नित मगन।
शारदे मां तुझे है नमन,
दे जगह मां मुझे निज चरण।।
एक बनकर रहें हम सभी ,
नेक पथ पर चलें हम सभी।
हर दिशा बात हो राष्ट्र की,
गर्व से मैं लिखूं जय वतन ।
शारदे मां तुझे है नमन ,
दे जगह मां मुझे निज चरण ।।
– ममता जोशी “स्नेहा”, उत्तरकाशी, उत्तराखंड