मनोरंजन

साइकिल राइड – रेखा मित्तल

Neerajtimes.com – रोज़ गार्डन से शुरू हुए यह राइड, करीब 80 साइक्लिस्ट फ्लोरोसेंट जैकेट्स, और साइकिल पर चमकती दमकती लाइटों के बीच, हेलमेट लगाए हुए चले जा रहे थे। कोई गाने गुनगुना रहा था ,किसी की साइकिल पर स्पीकर में गाने बज रहे थे, कुछ विभिन्न मुद्दों पर बात करते हुए आगे बढ़ रहे थे। हम पीजीआई से होते हुए ओमेक्स और फिर सिसवां टी पॉइंट तक पहुंच गए।

उसके बाद मिर्जापुर डैम की तरफ जाते हुए क्या खूबसूरत नजारा था! दोनों तरफ लहलहाते हुए खेत- खलियान, आसमान में बादलों के पीछे से उगता हुआ सूरज और साइकिल पर हम। सूरज की रोशनी खेतों पर खड़ी फसल पर पड़ रही थी और मुझे गीत याद आ गया

“मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती…

कल चारों तरफ वातावरण में एक ताजगी भरी हवा, शहर के प्रदूषण से दूर…कुल मिलाकर शानदार दृश्य!! साइकिल पर चलते हुए सूर्योदय का सुंदर नजारा देखा। साथ में स्पोर्ट व्हीकल चल रहा था और वह साइकिलिस्ट की मनोरम तस्वीरें और वीडियो बना रहा था। सुबह-सुबह गांव का दृश्य, कोई चूल्हा जला रहा है, कोई दूध के डिब्बे लिए जा रहा था ,कोई उपले पाथ रहा था ,कोई अपनी गाय- भैंस को दोह रहा था। हम शहरों में रहते-रहते गांव को भूलते जा रहे हैं। कल मैंने जो देखा उसको शब्दों में ब्याँ करना शायद मुश्किल ही है। जोहड़, उपले,बिट्टोडा,गाय,चूल्हा..और छोटे-छोटे मुस्कुराते हुए बच्चे!

मैं तो बिल्कुल वापस अपने बचपन में चली गई, जब मैं अपनी दादी के घर जाया करती थी। गोबर और मिट्टी की एक सोंध-सोंधी सी मिली-जुली खुशबू!!

हम कब मिर्जापुर डैम पहुंच गए कुछ पता ही नहीं चला। वहां जाकर सब ने खूब मस्ती की, डांस किया, भांगड़ा किया। तुम मुझे यह महसूस हुआ कि खुश होने के लिए कोई हमें बड़ी चीजों की जरूरत नहीं है, बिना डीजे के सब लोग मस्ती से झूम रहे थे।  किसी अच्छे होटल की डांस फ्लोर के बिना भी लोग नाच रहे थे।

फिर वापसी शुरू हुई। सब एक साथ ,आगे पीछे, साइकिलों पर पैडल मारते हुए पी.जी.आई .से इंडस्ट्रियल एरिया जीप के शोरूम में पहुंच गए। हमारे लिए ब्रेकफास्ट का इंतजाम था।

सबने ताजा जूस पिया और पेट को भी कुछ आराम दिया,क्योंकि तकरीबन चार साढ़े घंटे हो चुके थे और हमने कुछ नही खाया पिया था। राइट के आयोजन वहां सबसे बातचीत की अपने अनुभव शेयर किया। हवा में बैलून छोड़कर सबने अपनी खुशी का इजहार किया। यह राइड इसलिए भी विशेष थी क्योंकि सभी प्रो राइडर नहीं थे, कुछ राइडर नए भी थे । कुल मिलाकर यह एक बहुत ही शानदार ,सुव्यवस्थित और जोश से भरी हुई राइड थी।

– रेखा मित्तल, चंडीगढ़

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