मनोरंजन

श्री हनुमान जी – कालिका प्रसाद

तुमसे मेरी यहीं प्रार्थना है

मुझे अपने चरणों में धूल बना लो,

जिससे मेरा शरीर, मेरी आत्मा

सदा तुम्हारे आस पास ही रहे।

 

श्री हनुमान जी

मुझे अपने मंदिर की

आरती का घी बना दो

जिससे मेरे  अवगुण दूर होकर

सदगुण मेरे शरीर में

खुशबू बनकर  समाहित हो जायें।

 

श्री हनुमान जी

मैं तो एक अकिंचन प्राणी हूँ

कुछ पास नहीं है पद पंकज पूजन को

हाथ जोड़ कर कर पुष्प लिये हूँ

मेरे जीवन का उद्धार करो।

– कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रूद्रप्रयाग उत्तराखण्ड

Related posts

ग़ज़ल (हिंदी) – जसवीर सिंह हलधर

newsadmin

जानें मन का भाव – सुनील गुप्ता

newsadmin

गजल – ऋतु गुलाटी

newsadmin

Leave a Comment