नारी अब अबला नहीं, सबला इनको मान।
पढ़लिख के आगे बढ़ीं, गर्वित आज जहान।।
गर्वित आज जहान, नाज़ है इन पर सबको।
पढ़ लिख बनीं महान, भा गयी है जनजन को।।
धरती गगन उड़ान, सफल है इनकी पारी।
करता जग गुनगान, जगत में आगे नारी।।
– अनिरुद्ध कुमार सिंह, धनबाद, झारखंड