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वसंत पंचमी – सुधीर श्रीवास्तव

वसंत पंचमी पर्व का उद्देश्य बड़ा है

सृष्टि के नवचेतना, नवनिर्माण पथ पर

आनंद का बोध कराकर आनंदित करना है।

वाणी की अधिष्ठात्री देवी माता सरस्वती की

पूजा प्रार्थना का इस दिन विशेष महत्व है।

मान्यतानुसार वाग्देवी माँ सरस्वती

ब्रह्मस्वरूप, कामधेनु और सर्व देवताओं की प्रतिनिधि

और विद्या, बुद्धि और ज्ञान की देवी हैं,

देवी के रहस्योद्घाटन का दिवस भी आज मान्यता है।

मथुरा, वृंदावन, राजस्थान में

वसंत पंचमी पर्व‌ विशेष त्योहार के रूप से मनाने की

सदियों पुरानी परंपरा का निर्वाह किया जाता है।

गणपति, इंद्र, शिव और सूर्यदेव की

विशेष आराधना, पूजा, प्रार्थना भी किया जाता है।

वसंत ऋतु में ही वृक्षों में नए पल्लव भी आ जाते हैं

प्रकृति के स्वरूप ही नहीं समीकरण भी बदल जाते हैं

संक्रमण के प्रतीक वसंत पंचमी का दिन

तीर्थ क्षेत्र के लिए खासमखास होता है,

क्योंकि शाही स्नान के लिए

वसंत पंचमी का दिन अति विशेष होता है।

– सुधीर श्रीवास्तव, गोण्डा,  उत्तर प्रदेश

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