मनोरंजन

सद्गुरु – सुनील गुप्ता

(1) ” स “, सत्य की राह

पे चलता चल

मिल जाएंगे तुझको सद्गुरु   !

कभी खोना नहीं आपा…….,

बस, करता चल काम शुरू  !!

(2) ” द्  “, द्वारे आएंगे सद्गुरु

कभी करना नहीं

बंद मन के कपाट  !

धैर्य संतोष बनाए रखना….,

करते हैं वे तुझे सदा याद !!

(3) ” गु “,  गुरु ही ब्रह्मा

गुरु ही विष्णु

हैं गुरु साक्षात् श्रीईश्वर  !

गुरु ही शंकर परब्रह्म…….,

हैं सद्गुरु ही हमारे परमेश्वर !!

(4) ” रु “, रूह गुरु की

है हमसे जुड़ी

और हममें बसे श्रीगुरुवर  !

चलें करते नित्य नमन……,

पाएं दर्शन मन मंदिर उतर  !!

(5) ” सद्गुरु “, सद्गुरु प्रिय हैं

हमारे सभी के

गुरुश्री नानक देव जी  !

चलें करते वंदन प्रणाम…..,

रखेंगे ध्यान वाहेगुरु जी !!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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