चाँद मेरे तुम बने हम चाँदनी बन जायेंगे,
प्यार इतना हम करेगे,अब साथी बन जायेंगे।
आ जरा तू पास मेरे अब करे इकरार भी,
संग तेरे आपकी हम जिंदगी बन जायेगे।
ढूँढते हम भी रहे खोये हुऐ अहसास को,
क्या खबर थी एक दिन हम चाँदनी बन जायेगे।
हो गयी है आशिकी भी यार तुमसे अब हमे,
दर्द सारे आह बनकर शायरी बन जायेगे।
धड़कने कहने लगी जज्बात दिल के हैं खिले,
आ जरा कह दे हमी अब बेखुदी बन जायेगें।
सज रही है आज दुल्हन चाँदनी सी है लगे,
संग तेरे गर रहे तो रोशनी बन जायेगे।
जिंदगी की जंग को तुम जीतना हर हाल मे,
फिर मिलेगी हर खुशी ,गम अजनबी बन जायेंगे।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़