(1) ” ज “, जय जय
जय माँ भारती
जय भारत का गौरव गान !
चहुँओर बज रही श्रीरामधुन….,
संग शँखनाद हो रहे भजनगान !!
(2) ” य “, यह समय
है हिन्दू पुनरुत्थान का
पुनः उठ खड़े होने का वक़्त !
आओ दिखादें पूरी दुनिया को….,
कि, भारत बन चुका है अब सशक्त !!
(3) ” श्री “, श्रीहरिजी का
देख सुंदर विग्रह
तन मन उल्लासित हो रहा !
अरुण योगीराज ने तराशी भव्य मूरत.,
जिसे देखने जन मन गण उमड़ रहा !!
(4) ” रा “, रात छंटी
अब खिला उजियारा
पांच सौ साल की तपस्या सफल हुयी !
हो रही स्वर्ग देवलोक से पुष्प वर्षा…..,
सारी अयोध्या नगरी श्रीराममय हुयी !!
(5) ” म “, मन हर्षाए
चला दौड़ रहा
कि, कर आएं श्री रामलला के दर्शन !
पर, रखें सभी थोड़ा धीरज संतोष..,
और करें घर में ही श्रीरामलला का पूजन !!
(6)”जय श्रीराम”,जय श्रीराम
के जयकारों से
हो रही श्रीअयोध्याधाम गुंजायमान !
देश की अस्मिता का परचम लहराए,
आओ करें सभी श्रीरामजी का गान!!
(7)”जय श्रीराम”, जय श्रीराम
भजलें नित राम नाम
चलें बोलते सुबह शाम राम-राम !
हिंदू संस्कृति का सूर्य उदय हो रहा,
है यही अयोध्या नगरी का पैगाम !!
सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान