मनोरंजन

जय-जय श्रीराम – सुनील गुप्ता

(1) ” ज “, जय जय

जय माँ भारती

जय भारत का गौरव गान  !

चहुँओर बज रही श्रीरामधुन….,

संग शँखनाद हो रहे भजनगान !!

(2) ” य “, यह समय

है हिन्दू पुनरुत्थान का

पुनः उठ खड़े होने का वक़्त  !

आओ दिखादें पूरी दुनिया को….,

कि, भारत बन चुका है अब सशक्त !!

(3) ” श्री “, श्रीहरिजी का

देख सुंदर विग्रह

तन मन उल्लासित हो रहा !

अरुण योगीराज ने तराशी भव्य मूरत.,

जिसे देखने जन मन गण उमड़ रहा !!

(4) ” रा “, रात छंटी

अब खिला उजियारा

पांच सौ साल की तपस्या सफल हुयी !

हो रही स्वर्ग देवलोक से पुष्प वर्षा…..,

सारी अयोध्या नगरी श्रीराममय हुयी  !!

(5) ” म “, मन हर्षाए

चला दौड़ रहा

कि, कर आएं श्री रामलला के दर्शन !

पर, रखें सभी थोड़ा धीरज संतोष..,

और करें घर में ही श्रीरामलला का पूजन !!

(6)”जय श्रीराम”,जय श्रीराम

के जयकारों से

हो रही श्रीअयोध्याधाम गुंजायमान  !

देश की अस्मिता का परचम लहराए,

आओ करें सभी श्रीरामजी का गान!!

(7)”जय श्रीराम”, जय श्रीराम

भजलें नित राम नाम

चलें बोलते सुबह शाम राम-राम  !

हिंदू संस्कृति का सूर्य उदय हो रहा,

है यही अयोध्या नगरी का पैगाम !!

सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान

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