चार साहिबजादे
गुरु गोविंद जी के लाल प्यारे,
चार साहिबजादे जगत से न्यारे,
पंजाब की पावन धरती पर जन्में,
अजीत, जुझार, जोरावर, फतेह सिंह,
परछाई अपने पिता की वह,
नाम किया रोशन इस जहां में,
चमकौर की गद्दी सुनाएं दास्तान,
सरहिंद की दीवार ने रचा इतिहास महान,
जब नींव में खड़े बालकों ने लगाया जयकारा,
अचंभित रह गया साहस देख संसार सारा,
मिसाल बन गए औरों के लिए सदा,
महान शहादतों को सजदा करे सदा,
छोटी सी उम्र में सिखाए खुद्दारी की बातें,
नहीं झुकाया शीश अपना मुगलों के सामने,
मिट्टी और धर्म के लिए अपनी जान गंवाई,
जुल्म के खिलाफ अपनी आवाज उठाई,
पिता की आंखों के सामने ही शहीद हुए,
अपने धर्म की खातिर मौत के मुरीद हुए.
सादर नमन है उन धर्म के रखवालों को,
रखेगी याद दुनिया मौत के मतवालों को।
– रेखा मित्तल, चंडीगढ़