अब न मानो ये प्यार छूटेगा,
बस ये नजरो से आज लुटेगा।
जिंदगी आज खूबसूरत है,
साथ तेरा लगे हमे प्यारा।
छोड़ तन्हा चले जहां से तुम,
देख अब हाल क्या हुआ तेरा।
प्यार तुमसे किया बिना जाने,
आँख पर अब पड़ा मेरे परदा।
क्यो चुराया है यार दिल तूने,
हाय क्यो तू नही हुआ मेरा।
रात पूनम की आज है आयी,
चाँद निकला है आज प्यारा सा।
क्यो सताता है आज तू हमको,
खूबसूरत .भले तू है प्यारा।
– रीता गुलाटी ऋतंभरा, चण्डीगढ़