ईश का हम पर किया उपकार है ये जिंदगी,
नव सृजन का कीमती औजार है ये जिंदगी।
है बहुत दुर्लभ मनुज का जन्म इस संसार में,
प्रभु कृपा की जीव पर बौछार है ये जिंदगी।
है बहुत अनमोल हर पल आदमी की उम्र का,
ज्ञान अर्जन ज्योति का उजियार है ये जिंदगी।
दीन का सहयोग हो यह ईश की है लालसा,
इसलिए संवेदना भंडार है ये जिंदगी।
‘मधु’ मनुजता में मनुज का दृढ़ रहे विश्वास यदि ,
हर किसी के अश्रु का उपचार है ये जिंदगी।
— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश