मनोरंजन

गजल – मधु शुक्ला

ईश का हम पर किया उपकार है ये जिंदगी,

नव सृजन का कीमती औजार है ये जिंदगी।

 

है बहुत दुर्लभ मनुज का जन्म इस संसार में,

प्रभु कृपा की जीव पर बौछार है ये जिंदगी।

 

है बहुत अनमोल हर पल आदमी की उम्र का,

ज्ञान अर्जन ज्योति का उजियार है ये जिंदगी।

 

दीन का सहयोग हो यह ईश की है लालसा,

इसलिए  संवेदना  भंडार  है  ये  जिंदगी।

 

‘मधु’ मनुजता में मनुज का दृढ़ रहे विश्वास यदि ,

हर  किसी के अश्रु  का उपचार  है ये  जिंदगी।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

Related posts

गीतिका – मधु शुक्ला

newsadmin

कविते ! तुम मेरी मधुशाला हो – किरण मिश्रा

newsadmin

वास्तु शास्त्र द्वारा जल स्त्रोतों का अन्वेषण (ज्योतिष) – विजय कुमार

newsadmin

Leave a Comment