कवि की वाणी सुनो ध्यान से, सच्चाई का भान मिलेगा ।
वक्त सही आने वाला है, बाकी हिंदुस्तान मिलेगा ।।
गिलगित से गारो पर्वत तक, भारत ही भारत होना है।
सेंतालिस के बटवारे पर ,दोनों मुल्कों में रोना है ।।
काश्मीर से धीरे धीरे ,पाक सपोले भाग रहे हैं ।
आतंकी कुत्तों पर सैनिक ,सीधे गोली दाग रहे हैं ।।
दफा तीन सौ सत्तर धोकर ,पहला कदम बढ़ाया हमने ।
घाटी से लद्दाख अलग कर ,मुद्दा कुछ सुलझाया हमने ।।
फारुख जैसे नेताओं की ,चाल नहीं चलने वाली है ।
महबूबा की अब घाटी में , दाल नहीं गलने वाली है ।।
श्रीनगर में खुला सिनेमा ,दर्शक ताली मार रहे हैं ।
पाकिस्तानी आकाओं के, पिल्ले हमसे हार रहे हैं ।।
नेहरू जी ने जो छोड़ा था, वो सारा सामान मिलेगा ।
कश्यप कुल को अब घाटी में , खोया यश सम्मान मिलेगा ।।
जी ट्वेंटी की बैठक होगी ,चीन पाक की नींद उड़ी है ।
सैलानी सैलाब आ रहा ,सारी दुनिया इधर मुड़ी है ।।
निर्वाचन होने वाला है ,शांति पूर्ण होगी घाटी में ।
चीन पाक की करस्तानी ,चूर्ण चूर्ण होगी घाटी में ।।
चीनी कोरिडोर झमेला ,दो मुल्कों की चालाकी है ।
पीओके का प्रश्न शेष है,हल होना उसका बाकी है ।।
सात दशक से बाट जोहते , गिलगिट,बल्टिस्तान हमारी ।
सिंध प्रांत भी सोच रहा है , कब आयेगी मेरी बारी ।।
अक्साई के मसले पर भी,चीन देश से अड़ना होगा ।
दो दो देशों से भारत को, युद्ध इकट्ठा लड़ना होगा ।।
पाक मरण निश्चित है “हलधर”, शव भारत में आन मिलेगा ।
जैसी चाल चीन की होगी , उत्तर उसे समान मिलेगा ।।
– जसवीर सिंह हलधर , देहरादून