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बिंदिया – मधु शुक्ला

लोग कहते नारियों को प्रिय बहुत शृंगार है,

है सही यह बात परिणीता तभी स्वीकार है।

 

हैं बनें शृंगार सोलह धारती जिनको प्रिया,

श्रेष्ठ पर बिंदी सकल शृंगार का आधार है।

 

दे रही संकेत बिंदिया हर घड़ी सौभाग्य का,

साजना द्वारा मिला अनमोल यह उपहार है।

 

एक निष्ठा प्रेम श्रद्धा अरु समर्पण भावना,

मेल बिंदिया है सभी का यह प्रिया का प्यार है।

 

एक छोटा सा सितारा भाल पर सज कर कहे,

प्रेम ही संसार में सबसे सफल उपचार है।

— मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश

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