तेरे चेहरे की मुस्कान
बनाए चले है दीवाना !
खिलती होठों पे मधुर हँसी….,
देख गाए ये दिल बेगाना !!1!!
तेरे आनन की सौम्यता
खींचे है तन मन की डोर !
तेरे भावों की सहजता……..,
चले हर्षाए हरेक शाम भोर !!2!!
तेरे शुभानन का आकर्षण
बनाए चले सभी को अपना !
सादगी से भरा भोलापन…..,
है सच में सुंदर श्रृंगार गहना !!3!!
तेरे मुखड़े की दिव्यता
देख मिलती प्रेम शांति अनंत !
तेरे विचारों की विरल भव्यता……,
चले सरसाए जीवन का बसंत !!4!!
तेरे मुखारबिंद से निसृत वाणी
भरे चहुँओर प्रेम आनंद खुशियाँ !
बहती अजस्त्र सुरों की रसमयी धारा…,
खिलाए चले है मन की बगिया !!5!!
-सुनील गुप्ता (सुनीलानंद), जयपुर, राजस्थान