शैलजा का प्रेम पावन जानते सब,
मातु गिरिजा का कठिन तप पूजते सब।
निर्जला उपवास माता ने किया था,
शिव मिले उनको तभी आराधते सब।
प्रीति पाने के लिए करना तपस्या,
देख गौरा को यही मन ठानते सब।
भाव श्रद्धा का लिए हरितालिका में,
साथ पिय शिव पार्वती से माँगते सब।
हो जहाँ श्रद्धा अटल वरदान मिलता,
पूज गौरी को यही सच भासते सब।
—- मधु शुक्ला, सतना, मध्यप्रदेश